Friday 22 November 2019

जागो ग्राहक जागो..


Dear Girlfriends,
Cosmetics का बढ़ता व्यापार हमारे Low Self Esteem का प्रतिबिम्ब है..

ये Fair skin का obsession क्या सचमें सही है ??
तुम क्यों भूल जाती हो कि तुम हर रंग मैं खुबसूरत हो,
क्योंकि खुबसूरती का कोई रंग नहीं होता..

But again तुम कोई मूरत तो नहीं जिसकी बस सुरत अच्छी होनी चाहिए...
रंग रूप के परें भी तुम्हारा एक वजूद है...
"ऊंचा कद" और "पतली कमर" से उपर बढकर तो देखो
तुम्हारी height and weight क्या बस इतने ही पैमाने है तुम्हें मापने के?

कुछ चीजे genetic होती है...
उनपर तुम्हारा बस नहीं...
Healthy होने का मतलब slim trim body इतना ही नहीं होता..
अच्छी eating habits और exercising बेशक good choice हैं
पर उपरी personality के अलावा भी एक health हैं..
जिसे हम mental health कहते है

मेरी जान, तेरे लबों पर लिपस्टिक से ज्यादा, हँसी जचती है..
आखोंमें काजल-सुरमे से ज्यादा, ख्वाब खुबसूरत लगते है...
तेरी आवाज़ सुरीली हो न हो... उसमें दम होना जरूरी है...

तुम्हें सभी यही जताएंगे कि कैसे तुम्हें खुद की appearance improve करने की जरूरत है..
जान लो.. ये बस एक बिजनेस स्ट्रॅटेजी है..

ज्वेलर्स यकीन दिलाएंगे की, "हिरा पहनलो तो तुम हिरोंसी चमकोगी"
पर *shine तुममें है*... बस उसे पहचानो, ये राज वो कभी नहीं बताएंगे..

Health suppliments बेचने वाले तुम्हें जाने कितनी बीमारियाँ गिनवाएंगे... दो चार दस किलो वजन कम करवाने की पूरी पूरी गॅरंटी देंगे...
तुम्हारे dream dress से लेके dream boy तक सब उनकी supplements से ही मुमकिन है ये बात तुमसे मनवा ही लेंगे...

तुम्हारी dressing ही तुम्हें star बनाती है कहकर मेहंगी dresses से wardrobe भर जाएंगे पर glammer को हासिल करनेमें तुम फिर से नाकामयाब हो जाओगी

Fairness cream वालों ने कहा "fair हो जाओ, तो job लग जायेगी.."
Detergent वालों ने दिखाया "चमकदार कपडोंसे तुम boss की नजर में आओगी.."
तो भाई, हम ये college-university जाते ही क्यूँ है??

Perfume/body spray से लड़कियाँ या लड़के पट जाते है तो हम कम्बख्त, इश्क़ करते ही क्यूँ है??

Soft drinks वालोंका अलग ही फंडा है.. पता नहीं दस रूपय की बोटल के लिए चट्टान से कूदते क्यूँ है...??

एक पिंपल आ जाने पर वो इतना hyper होते हैं जैसे कि तुफान आ चला हो..
Hormonal changes होते हैं भाई, अब क्या law of nature भी गलत है??

Sanitary napkins वाले कहते हैं, "Periods के दौरान भी भागादौडी करो, हमारे pads संभाल लेंगे.."
But my darling, ये exertion तुम्हें आगे जाकर मेहंगा पड सकता है उसका क्या..??
4 दिन आराम करने से तुम्हारी मंजिल कोई मिलों दूर तो नहीं चली जाएगी.. तो जरा chill ना..

Isn't it ironic?
ये Fastfood की tempting ads बनाकर ये हमें पहले गलत खाना सिखाते हैं,
फिर "muscle gain and bone density" के लिए tablets and milk powders बेचते हैं..

सोचो दोस्तों,
हमारे health के साथ खिलवाड़ करकर वो अपनी wealth कमा रहे हैं..
कोई protest वगैरा नहीं करना है, हमें अपने लिए बस सही चुनना है..

"फल भी seasonal ही खाने चाहिये" ये मानने वाले हम, oats जैसी चीज जिसकी उपज तक हमारे देश में नहीं होती उसे अपना बनाए बैठे हैं..

दोस्तो, एक fridge की ad आपने देखी होगी जिसमे 15 दिन टमाटर बिलकुल fresh रखनेका दावा किया है..
पर एक बात बताओ, इतना स्टोअर ही क्यूँ करें????
रोज office से आते वक्त एक ताजी सब्जी लेकर आने में कोनसी बडी दिक्कत है..?

Frozen food की nutrition value एक वक्त बाद zero हो जाती है और इसी वजह से हमारे शरीर में पोषकतत्वों की कमी पाई जाती है..
जिसके solution में हमें फिर नई problem परौसी जाती है..

अपनी सेहत की सलामती के लिए कुछ ज्यादा भी नहीं करना हैं
बस packaged food की जगह fresh food ले आइये..
कम से कम process कर खाना बनाइये..
सब साथ मिलकर खाईये..
क्योंकि अपनों के साथ वक्त बिताएंगे तो depression से बचे रहेंगे.. no pills required..

आपकी परेशानीयोंका व्यापार हो रहा है.. और व्यापार में मुनाफा बार बार बेचने पर मिलता है तो आपकी समस्या तो वो एक बार में हल करने से रहें..
       ये बात तो पक्की है..🤷🏻‍♀

Ps: Reason to write this-
Marketing वालोंकी पोल, Marketing वाली ही खोल सकती है..😉